शिक्षण के स्तर | Levels of Teaching in hindi

शिक्षण के स्तर, चिंतन स्तर, बोध स्तर, स्मृति स्तर, स्मृति की अवस्थाएं, स्मृति का वर्गीकरण, अच्छी स्मृति की विशेषताएं,

शिक्षण के स्तर (Levels of Teaching)

शिक्षण के निम्नलिखित तीन स्तर हैं-

  1. चिंतन स्तर (Reflective Level)
  2. बोध स्तर (Understanding Level)
  3. स्मृति स्तर (Memory Level)
शिक्षण के स्तर (Levels of Teaching)

1. स्मृति स्तर का शिक्षण (Memory Level of Teaching)

स्मृति एक मानसिक प्रक्रिया है, जो प्रत्येक प्राणी में किसी न किसी मात्रा में अवश्य पाई जाती है. वस्तुतः जब व्यक्ति किसी वस्तु, पदार्थ अथवा स्थान को देखता है तो उस वस्तु, पदार्थ अथवा स्थान के प्रतिमा अथवा चिन्ह उसके मस्तिष्क में बन जाते हैं, इन्हीं संचित चिन्हों अथवा पूर्व समय में सीखी हुई बातों को याद करना ही स्मृति कहलाती है. वुडवर्थ के अनुसार, "सीखे हुए अनुभव के सीधे उपयोग को स्मृति कहते हैं."

स्मृति की अवस्थाएं (Phases of Memory)

(1). अधिगम (Learning)- जब किसी व्यक्ति के व्यवहार अनुभव, अभ्यास और प्रशिक्षण में वांछित परिवर्तन लाया जाता है या लाने का प्रयास किया जाता है तो उसे अधिगम कहते हैं. स्मृति केवल अधिगम अथवा अनुभवों के अंकित होने पर आधारित होती है.

(2). धारण (Retention)- सीखी हुई पाठ्यवस्तु अथवा संस्कारों को मस्तिष्क में स्थाई रूप से बनाए रखना धारण कहलाता है. जब किसी व्यक्ति का मस्तिष्क किसी बात को अधिक समय तक धारण किए रहता है तो उसकी स्मृति बहुत अच्छी होती है.

(3). प्रत्यास्मरण (Recall)- सीखे हुए अनुभवों को चेतना में लाना प्रत्यास्मरण कहलाता है व्यक्ति की स्मृति का अच्छा अथवा बुरा होना उसके भूतकाल इन अनुभवों को पुनः स्मरण करने पर ही निर्भर करता है.

(4). पहचान (Recognition)- किसी वस्तु अथवा व्यक्ति को देखकर यह बता देना कि हमने उसे पहले भी कभी देखा है, पहचान कहलाता है.

स्मृति का वर्गीकरण (Classification of Memory)

किसी बात को याद करने की योग्यता प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होती है कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो किसी बात को एक बार याद करने के पश्चात कभी नहीं भूलते इसके विपरीत कुछ ऐसे भी व्यक्ति होते हैं जो एक बात को बार-बार याद करने के पश्चात बात को हर बार भूल जाते हैं व्यक्तियों की इन भिन्न-भिन्न योग्यताओं के आधार पर स्मृति का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है-

  1. तात्कालिक स्मृति (Immediate Memory)
  2. स्थाई स्मृति (Permanent Memory)
  3. व्यक्तिगत स्मृति (Personal Memory)
  4. अव्यक्तिगत स्मृति (Impersonal Memory)
  5. सक्रिय स्मृति (Active Memory)
  6. निष्क्रिय स्मृति (Passive Memory)
  7. यांत्रिकी स्मृति (Mechanical Memory)
  8. रटन्त स्मृति (Rote Memory)
  9. तार्किक स्मृति (Logical Memory)

अच्छी स्मृति की विशेषताएं (Characteristics of Good Memory)

अच्छी स्मृति की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • अच्छी स्मृति के लिए शीघ्र अधिगम होना चाहिए.
  • इसमें धारण का स्थयित्व होना चाहिए.
  • इसमें प्रत्यास्मरण की शीघ्रता होनी चाहिए.
  • अच्छी स्मृति उपयोगी होना चाहिए.
  • अच्छी स्मृति में व्यर्थ की बातों को भूलने का गुण होना चाहिए.

स्मृति स्तर के शिक्षण का प्रतिमान (Model of Memory Level of Teaching)

  • उद्देश्य (Aim)
  • संरचना (Syntax)
  • सामाजिक प्रणाली (Social System)
  • मूल्यांकन प्रणाली (Support System)

2. बौद्ध स्तर का शिक्षण (Understanding Level of Teaching)

बोध स्तर का शिक्षण, शिक्षण का मध्य स्तर हैं, इसमें उन छात्रों को सम्मिलित किया जाता है, जिनकी बुद्धि विकासशील होती है. बौद्ध स्तर के शिक्षण के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षण पहले स्मृति स्तर पर हो चुका हो. बोध स्तर पर विद्यार्थियों को सामान्यीकरण तथा सिद्धांत एवं तथ्यों के संबंध में बोध कराने पर बल दिया जाता है। यदि शिक्षक को अपने इस प्रयास में सफलता मिलती है तो विद्यार्थियों में नियमों को पहचानने, समझने तथा उन्हें प्रयोग करने की क्षमता विकसित हो जाती है। बोध स्तर के शिक्षण में शिक्षक छात्रों के समक्ष पाठ्यवस्तु को इस प्रकार प्रस्तुत करता है कि छात्रों को बोध के लिए अधिक से अधिक अवसर मिले और छात्रों में आवश्यक सूझबूझ उत्पन्न हो।

बौद्ध स्तर के शिक्षण का प्रतिमान (Model of Understanding Level of Teaching)

  • उद्देश्य (Aim)
  • संरचना (Syntax)
  • परिपाक (Assimilation)
  • व्यवस्था (Organization)
  • वर्णन (Recitation)
  • सामाजिक व्यवस्था (Social System)
  • मूल्यांकन प्रणाली (Support System)

3. चिंतन स्तर का शिक्षण (Reflective Level of Teaching)

चिंतन स्तर में शिक्षक अपने छात्रों में चिंतन, तर्क तथा कल्पना-शक्ति को बढ़ाता है, ताकि छात्र स्मृति और बौद्ध स्तर दोनों के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान कर सके। चिंतन स्तर पर शिक्षण समस्या-केंद्रित होता है। इस स्तर में अध्यापक बच्चों के सामने समस्या उत्पन्न करता है और बच्चों को उस पर अपने स्वतंत्र चिंतन करने का समय देता है। इस स्तर में बच्चों में आलोचनात्मक तथा मौलिक चिंतन उत्पन्न होता है।

चिंतन स्तर के शिक्षण का प्रतिमान (Model of Reflective Level of Teaching)

  • उद्देश्य (Aim)
  • संरचना (Syntax)
  • सामाजिक प्रणाली (Social System)
  • मूल्यांकन प्रणाली (Support System)

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