राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के उद्देश्य एवं कार्य-योजना (RMSA) | Objectives and Action Plan of Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan In Hindi

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच बढ़ाती है और इसकी गुणवत्ता में सुधार करती है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) की अवधारणा

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच बढ़ाती है और इसकी गुणवत्ता में सुधार करती है। यह योजना मार्च, 2009 में माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। योजना का क्रियान्वयन 2009-10 से शुरू हुआ था। इस योजना में बहुआयामी अनुसंधान, तकनीकी परामर्श, कार्यान्वयन और धन सहायता शामिल है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के उद्देश्य एवं कार्य-योजना (RMSA)

प्रारम्भिक शिक्षा को सर्वव्यापी करना संवैधानिक अध्यादेश बन गया है। अतः इस अभिकल्पना को माध्यमिक शिक्षा के सर्वव्यापी बनाने की ओर बढ़ाने की आवश्यकता है, जिसे बड़ी संख्या में विकसित देशों तथा कई विकासशील देशों में पहले ही हासिल कर लिया गया है। सभी युवा व्यक्तियों को अच्छी गुणवत्तायुक्त माध्यमिक शिक्षा सुलभ कराने तथा कम मूल्य पर उपलब्ध कराने की केन्द्र सरकार की वचनबद्धता के भाग के रूप में भारत सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान माध्यमिक स्तर पर शिक्षा को सर्वव्यापी बनाने तथा गुणवत्ता सुधार हेतु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) नामक एक केन्द्र प्रायोजित स्कीम शुरू की है।

इस स्कीम का उद्देश्य प्रत्येक आवास में उचित दूरी के भीतर माध्यमिक स्कूल उपलब्ध कराकर 5 वर्ष के भीतर कक्षा में नामांकन अनुपात को 75 प्रतिशत करने, सभी माध्यमिक स्कूलो द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुपालन को सुनिश्चित करके माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, महिला-पुरुष, सामाजिक-आर्थिक तथा विकलांगता आधारित बाधाओं को दूर करना, वर्ष 2017 अर्थात् 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्त तक माध्यमिक की शिक्षा को सर्वव्यापी बनाने और वर्ष 2020 तक सभी बच्चों का विद्यालयों में बनाए रखना है।

पाँच वर्षों के भीतर कक्षा IX-X हेतु नामांकन अनुपात को वर्ष 2005-2008 के 52.26 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करना, वर्ष 2011-2012 तक अनुमानित 32.20 लाख छात्रों के अतिरिक्त नामांकन हेतु सुविधाएँ उपलब्ध कराना, 44,000 मौजूदा माध्यमिक स्कूलों का सुवीकरण, 11000 नए माध्यमिक स्कूल खोलना, 1.79 लाख अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति तथा 80,500 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण शामिल है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान परियोजना लागत का 75 प्रतिशत केन्द्र सरकार वहन करेंगे तथा शेष 25 प्रतिशत का वहन राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा। 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए हिम्मेदारी पैटर्न 50 : 50 होगा। 11वीं तथा 12वीं योजनाओं दोनों के लिए पूर्वोत्तर राज्य हेतु निधियन पैटर्न 90 : 10 होगा। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इस स्कीम हेतु 20,120 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

RMSA की प्रशासनिक परिषद् (Administrative Council of RMSA)

I. अध्यक्ष:- मानव संसाधन विकास मन्त्री, भारत सरकार

II. उपाध्यक्ष:- सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार

III. सदस्य:-

  1. योजना आयोग का सचिव
  2. वित्त विभाग का सचिव
  3. सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
  4. सचिव, जनजाति मामलात मन्त्रालय
  5. सचिव, अल्पसंख्यक मामलात मन्त्रालय
  6. सचिव, पंचायतीराज मन्त्रालय
  7. सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग
  8. सचिव, पेयजल विभाग
  9. सचिव, नव्यकरणीय ऊर्जा मन्त्रालय
  10. सभी राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के मा० शिक्षा विभाग के सचिव
  11. निदेशक, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् (NCERT)
  12. उपकुलपति NUEPA
  13. अध्यक्ष CBSE
  14. अभियान के लिए समय-समय पर मनोनीत कोई अन्य विशेषज्ञ

IV. सदस्य सचिव:- संयुक्त सचिव, माध्यमिक शिक्षा।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के उद्देश्य (Objectives of Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan)

इस योजना का उद्देश्‍य गुणवत्‍ता को सुनिश्चित करते हुए माध्‍यमिक स्‍तर पर गुणवत्‍तायुक्‍त शिक्षा में पहुंच बढ़ाने और इसमें सुधार करना है। योजना में सभी माध्‍यमिक स्‍कूलों के लिए निर्धारित मानकों का निर्धारण करके, महिला-पुरूष, सामाजिक-आर्थिक भेदभाव और नि:शक्‍तता की बाधा को हटाकर, 2017 तक अर्थात् 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक और 2020 तक अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिधारण को प्राप्‍त करके माध्‍यमिक स्‍तर की शिक्षा में अंतरराष्‍ट्रीय पहुंच प्रदान करना और माध्‍यमिक स्‍तर पर दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार करके कक्षा 9-10 के लिए नामांकन बढ़ाने की परिकल्‍पना की गई है।

  1. प्रत्येक माध्यमिक विद्यालय में पर्याप्त भौतिक सुविधाएँ, स्टाफ व मानदण्डानुसार वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  2. स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्धारित मानदण्डानुसार प्रत्येक 5 किमी की परिधि में माध्यमिक एवं प्रत्येक 7-10 किमी की परिधि में उच्च माध्यमिक विद्यालय उपलब्ध करवाना।
  3. यह सुनिश्चित करना कि कोई बालक लिंगभेद, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक अक्षमता एवं अन्य कारणों से माध्यमिक स्तर की शिक्षा से वंचित न रहे।
  4. प्रत्येक बालक की पहुंच व उपलब्धता तक माध्यमिक स्तर को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना।
  5. सभी विद्यालयों में निर्धारित मापदण्डों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना।
  6. 6 वर्ष में सकल नामांकन दर 75 प्रतिशत करना।
  7. वर्ष 2017 तक सभी बालक-बालिकाओं द्वारा माध्यमिक शिक्षा को प्राप्त करना।
  8. RMSA द्वारा वर्ष 2020 तक शत प्रतिशत सकल नामांकन दर प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की कार्य-योजना (Action Plan of Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan)

  1. प्रत्येक बस्ती के 5 किमी के दायरे में एक-एक माध्यमिक स्कूल उपलब्ध कराना।
  2. आर्थिक तथा शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े समूहो, लड़कियों तथा विकलांग बच्चों और अनुसुचित जाति, अनुसुचित जन जाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों जैसे उपेक्षित वर्गों और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े अल्पसंख्यको को यह सुलभ कराना।
  3. स्त्री-पुरुष, सामाजिक-आर्थिक विकलांगता तथा अन्य अड़चनों पर ध्यान दिए बिना ही सन्तोषप्रद गुणवत्ता वाली माध्यमिक शिक्षा प्रदान करना शामिल है।
  4. मौजूदा स्कूलों का विस्तार करना, उच्च प्राथमिक स्कूलों विशेषतः आश्रम स्कूलों (जो जनजातीय क्षेत्रों में स्थित है) का स्तरोन्नयन करना।
  5. वर्ष 2017 तक माध्यमिक शिक्षा की सार्वभौमिक सुलभता और 2020 तक सार्वभौमिक प्रतिधारणा सुनिश्चित करना।
  6. पर्वतीय क्षेत्रों, दुर्गम स्कूलों तथा छिट-पुट आबादी वाले इलाकों में 5 किमी वाले मानदण्ड से छूट देने का प्रावधान।
  7. अ०जा०, अ०ज०जा० अ०पि०व० तथा अल्पसंख्यक छात्रों के लिए निःशुल्क बोर्डिंग सुविधाओं की उपलब्धता में वृद्धि करना।
  8. स्कूल मैपिंग के आधार पर कम लाभान्वित क्षेत्रों में नए स्कूल खोलना।
  9. लड़कियों हेतु आवासीय सुविधाएँ, शौचालय, वर्दियाँ, पुस्तकें तथा नकद प्रोत्साहन प्रदान करना एवं योग्यता छात्रवृत्तियाँ प्रदान करना।
  10. मुक्त विद्यालय तथा दूरस्थ अध्ययन सुविधाओं का विस्तार करना।
  11. कक्षा-कक्ष सुविधाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, कम्प्यूटर कक्षों में सुधार करना।
  12. अतिरिक्त शिक्षकों की भर्ती, सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान करना और शिक्षकों विशेषतः महिलाओं के लिए आवासीय सुविधाओं की व्यवस्था करना।

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