राज्य संसाधन केन्द्र (SRC) के उद्देश्य, कार्य एवं महत्त्व | Objectives, Functions and Importance of State Resource Center in hindi

राज्य संसाधन केन्द्र एकेडेमिक के साथ-साथ तकनीकी संसाधन भी है। क्योंकि यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, सामग्री तैयार करना, सामग्री का प्रकाशन करना

राज्य संसाधन केन्द्र (State Resource Center) S.R.C.

राज्य संसाधन केन्द्र एकेडेमिक के साथ-साथ तकनीकी संसाधन भी है। क्योंकि यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, सामग्री तैयार करना, सामग्री का प्रकाशन करना, विस्तार क्रियाएँ, नवाचार प्रोजेक्टस, शोध अध्ययन और मूल्यांकन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। योजनाओं का निर्माण करके एस०आर०सी० की भूमिका को शक्तिशाली बनाया जाता है और उसका विस्तार किया जाता है। योजनाओं के निर्माण द्वारा केवल संख्या वृद्धि हो नहीं की जाती है बल्कि ढाँचागत और संसाधन सुविधाओं से भी सजाने का प्रयास किया जाता है। इस प्रकार सुविधाओं में युक्त करके इन केन्द्रों को हम योग्य बनाया जाता है कि ये विशेष एजेन्ट की भूमिका का निर्वाह कर सके।

राज्य संसाधन केन्द्र (SRC) के उद्देश्य,  कार्य एवं महत्त्व

ये केन्द्र सक्रियतापूर्वक वास्तविक क्षेत्र में कार्यरत रहेंगे और एक मुख्य भूमिका का निर्वाह प्रशिक्षण मे, सामग्री उत्पादन में और अन्य संसाधन सपोर्ट क्रियाओं में करेंगे। एस०आर०सी० के सम्बन्ध में यह ध्यान देना आवश्यक है कि यह एक स्वतन्त्र और ऑटोनॉमस (Autonomous) रूप में कार्य करने वाला केन्द्र है। प्रयत्न भी निरन्तर यही हो रहे हैं कि एस०आर०सी० (SRC) एक स्वतन्त्र एजेन्मों या संस्था के रूप में उच्च अधिगम का कार्य करे।

S.R.C. को पूर्ण रूप से सेन्ट्रल द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है और ये वित्त सम्बन्धी निश्चित मानकों का पालन करते हैं तथा वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हैं। प्रक्रिया को सरल बनाने अधिकांश जनता को लाभ मिलने की दृष्टि से वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों का विकेन्द्रीकरण किया गया है। यह विकेन्द्रीकरण राज्य साक्षरता मिशन ऑथोरिटी के अन्तर्गत किया गया है ताकि प्रत्येक राज्य में •साक्षरता मिशन की स्थापना हो सके और सतत् शिक्षा अभियान चलाया जा सके।

S.R.C. के उद्देश्य (Objectives of S.R.C.)

एस०आर०सी० के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  1. विस्तार क्रियाएं, नवाचार प्रोजेक्टस, शोध अध्ययन और मूल्यांकन को बढ़ावा देना।
  2. प्रशिक्षण कार्यक्रम, सामग्री विकास एवं उत्पादन, प्रकाशन और सैद्धान्तिक संगठन को सफल बनाना।
  3. साक्षरता कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सहायता करना।
  4. एकेडेमिक और तकनीकी संसाधन सहायता प्रदान करना।

S.R.C. के कार्य एवं महत्त्व (Functions and Importance of S.R.C.)

एस०आर०सी० का महत्व एवं कार्य निम्न हैं-

  1. प्रौढ़ शिक्षा के लिए साहित्य (अनुवाद सहित) तैयार करना।
  2. प्रौढ़ शिक्षा के लिए प्रेरणास्पद पर्यावरण निर्माण क्रियाओं का आयोजन करना।
  3. साक्षरता प्रोजेक्टस के लिए क्रियात्मक अनुसंधान, मूल्यांकन एवं संचालन कार्यक्रम संचालित करना।
  4. साक्षरता कार्यक्रम के लिए शिक्षण अधिगम का विकास एवं प्रशिक्षण सामग्री का विकास करना
  5. साक्षरता कार्यक्रम से सम्बन्धित कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान करना।
  6. क्षेत्रीय कार्यक्रमों का आयोजन तथा वह संचार कार्य करना।

S.R.C. के कार्य क्षेत्र (Work Area of S.R.C.)

  1. प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के लिए शिक्षण, पठन और प्रशिक्षण सामग्री की तैयारी।
  2. साक्षरता कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण।
  3. कार्रवाई अनुसंधान।
  4. साक्षरता परियोजनाओं का मूल्‍यांकन और निगरानी।
  5. भविष्‍य की जरूरत वाली प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम की पहचान के लिए नवीन परियोजनाएं शुरू करना।
  6. एन. एल. एम. के समग्र उद्देश्‍य को पूरा करने और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से सौंपे गए कार्य से जुड़ा कोई अन्‍य कार्य।

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