ई-कॉमर्स (E-Commerce)
ई-कॉमर्स या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का अर्थ है- इन्टरनेट के जरिये व्यापार करना। वस्तुओं और सेवाओं को इन्टरनेट के जरिए खरीदना एवं बेचना ही ई-कॉमर्स कहलाता है। ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग व ई-बिजनेस इत्यादि ई-कॉमर्स के हो भाग हैं। इससे उत्पादकों एवं विक्रेताओं को वस्तुओं एवं सेवाओं के विश्वव्यापी बाजार मिले है एवं व्यापारिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के समय एवं लागत में भारी कटौती हुई है।
इन्टरनेट पर ई-कॉमर्स के लिए विभिन्न साइट्स हैं, जिनमें छोटी से लेकर बड़ी वस्तुओं की रिटेल शॉप मौजूद हैं। एक ई-कॉमर्स साइट कैसिट लोग पेन की तरह होती हैं, जहाँ से उपभोक्ता वस्तुओं को क्रय कर सकता है एवं क्रेडिट कार्ड के जरिए क्रय की गई वस्तु के मूल्य का भुगतान कर सकता है।
ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of E-Commerce)
ई-कॉमर्स तीन प्रकार का होता है-
1. बिजनेस To विजनेस (B2B):– इसके अन्तर्गत दो कम्पनियों के मध्य व्यापार सम्मिलित होता हैं। एक कम्पनी को उत्पादन हेतु कच्चे माल, लेवर मशीनरी आदि अन्य कई चीजों की आवश्यकता होती है। इसकी पूर्ति वे दूसरी कम्पनियों से करती हैं। इस हेतु यदि वे कम्प्यूटर व इंटरनेट का प्रयोग करती हैं तो इस प्रकार का ई-कॉमर्स बिजनेस टू बिजनेस कहलाता है।
2. बिजनेस To कंज्यूमर (B2C):- विभिन्न कम्पनियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को उपर्युक्त अपनी आवश्यकता की पूर्ति हेतु क्रय करते हैं। इस प्रकार का व्यापार बिजनेस टू कंज्यूमर कहलाता है।
3. कंज्यूमर To कंज्यूमर (C2C):- उपर्युक्त ई-कॉमर्स के दो प्रकारों के अतिरिक्त यह ई-कॉमर्स का तीसरा प्रकार है जिसके अन्तर्गत दो उपभोक्ताओं के मध्य व्यापार होता है।
ई-कॉमर्स के उपयोग (Uses of E-Commerce)
इन्टरनेट पर ई-कॉमर्स की वजह से विश्व-भर के बाजार 'ग्लोबल विलेज' की दिशा में बढ़ रहे हैं। ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा लाभ उसकी पहुँच है। ई-कॉमर्स ने बड़े एवं छोटे उत्पादकों एवं विक्रेताओं के मध्य अन्तर को समाप्त कर दिया है, इससे छोटे व्यावसायियों को भी बड़े व्यवसायियों से प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है। ई-कॉमर्स में परम्परागत व्यवसाय की तुलना में विपणन लागत कम होती है एवं व्यापार का क्षेत्र विश्वव्यापी होने के कारण व्यापार की कुल लागत कम होती है, जिससे वस्तुएँ एवं सेवाएं उपभोक्ता को कम कीमतों पर उपलब्ध होती है।
ई-कॉमर्स में व्यावसायिक सूचनाओं का आदान-प्रदान शीघ्र व मितव्ययी होता है। ई-कॉमर्स द्वारा बहुत कम पूंजी से विश्वभर में व्यापार किया जा सकता है।
ई-कॉमर्स के मुख्य लाभ (Advantages of E-Commerce)
ई-कॉमर्स के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं-
- क्रेता के वस्तु एवं सेवाओं को चुनने के अनेक विकल्प मिलते हैं।
- क्रेता को कम मूल्य पर क्रम के अवसर मिलते हैं।
- व्यापारिक सूचनाओं के आदान-प्रदान की लागत व समय में कमी होती है।
- मार्केटिंग लागत में कमी।
- विश्वव्यापी बाजार की उपलब्धता।
- छोटे उत्पादकों को बड़े उत्पादकों के साथ प्रतिस्पर्धा से मुक्ति।
ई-कॉमर्स की हानियाँ (Disadvantages of E-Commerce)
इसकी हानियाँ निम्नलिखित हैं-
- इ–कॉमर्स के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत पड़ती है कभी कभी low speed के कारण इ–कॉमर्स की वेबसाइट कम नहीं करती|
- इ– कॉमर्स के लिए कंप्यूटर मोबाइल तथा इंटरनेट की जानकारी होनी जरुरी है|
- जब हम कोई सामान खरीदते है तो उस सामान का पहुंचने मे 2 -3 या इससे अधिक दिन लग जाते है|
- सिक्योरिटी को ध्यान रखनापड़ता है| क्योकि जब हम ऑनलाइन payment करते है तो सिक्योरिटी को होना जरुरी है नहीं तो अकाउंट हैक या फिर हमारी इनफार्मेशन हैक हो सकती है|
- इ–कॉमर्स की जब कोई नहीं वेबसाइट market मे आती है तो उस वेबसाइट पे भरोसा करना थोड़ा मुश्किल होता है|